वो अपना लंच झट से चट कर जाना। वो दोस्तों के बीमार होने पर उसको देखने जाना। वो उसका छूटा हुआ होमवर्... वो अपना लंच झट से चट कर जाना। वो दोस्तों के बीमार होने पर उसको देखने जाना। वो ...
फिर से करूं वो मासूम शरारत, फिर से नई कहानियां बनाऊं, फिर से करूं वो मासूम शरारत, फिर से नई कहानियां बनाऊं,
बचपन की गलियां नन्हे-नन्हे लड़खड़ाते कदमों से गुज़रते थे जहां, बचपन की गलियां नन्हे-नन्हे लड़खड़ाते कदमों से गुज़रते थे जहां,
है चाहत की एक बार फिर जी लूं जो रह गया पीछे, पर अब ये रूह भी अलविदा लेने को है।। है चाहत की एक बार फिर जी लूं जो रह गया पीछे, पर अब ये रूह भी अलविदा लेने को...
पापा रूपी पर्वत ही मेरा हौसला बंधाता है। पापा रूपी पर्वत ही मेरा हौसला बंधाता है।
एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार। एक नए रूप के साथ बहरूपिया कलमकार।